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Sushil Kumar Modi Demise : बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी का निधन

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बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम(Deputy cm) और बीजेपी नेता सुशील मोदी का निधन हो गया, 72 वर्ष के सुशील कुमार मोदी कैंसर से पीड़ित थे. बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने X पर पोस्ट करके उनके निधन की जानकारी दी,

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री(deputy cm )सुशील कुमार मोदी का निधन हो चुका है। उन्होंने 72 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह कैंसर से पीड़ित थे और दिल्ली AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। वह बिहार से भारतीय जनता पार्टी की तरफ से राज्यसभा सांसद भी थे। 2005 से 2013 और 2017 से 2020 के बीच बिहार के वित्त मंत्री भी रहे।

बिहार के मौजूदा उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर सुशील मोदी के निधन की जानकारी दी। उन्होंने लिखा “भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी जी अब हमारे बीच नहीं रहे। पूरे भाजपा संगठन परिवार के साथ-साथ मेरे जैसे असंख्य कार्यकताओं के लिए यह एक अपूरणीय क्षति है। अपने संगठन कौशल,प्रशासनिक समझ और सामाजिक राजनीतिक विषयों पर अपनी गहरी जानकारी के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को चिरशांति और परिजनों को इस शोक की घड़ी में सम्बल प्रदान करें।”

गले के कैंसर से पीड़ित थे

सुशील कुमार मोदी गले के कैंसर से पीड़ित थे और दिल्ली AIIMS में उनका इलाज चल रहा था। तीन महीने पहले उन्होंने गले का दर्द होने पर जांच कराई थी तो उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चलता था। सुशील कुमार मोदी के निधन पर अमित शाह, जेपी नड्डा सहित कई बड़े नेताओं ने दुख जताया है।

जेपी आंदोलन से शुरू हुआ करियर

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की तरह सुशील कुमार मोदी का करियर भी जेपी आंदोलन से ही शुरु हुआ था। वह इस आंदोलन में छात्र नेता के रूप में उभरे। 70 के दशक में राजनीति में कदम रखा और आगे चलकर बिहार में भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बन गए। वह छात्र जीवन से ही राजनीति से जुड़े रहे। 1971 में उन्होंने छात्र राजनीति में कदम रखा। पहली बार 1990 में पटना केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।  2004 में उन्होंने भागलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2005 में सांसद के पद से इस्तीफा देकर वह उपमुख्यमंत्री बने। हालांकि, उप मुख्यमंत्री बनने के लिए उन्होंने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा, बल्कि विधान परिषद के लिए निर्वाचित हुए।

 

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